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बाला प्रीतम साहिब श्री गुरु हरिक्रिशन साहिब जी महाराज का प्रकाश पर्व (जन्मोत्सव) मनाया गया

 लखनऊ/ संवाददाता

 बाला प्रीतम साहिब श्री गुरु हरिक्रिशन साहिब जी महाराज का प्रकाश पर्व (जन्मोत्सव) दिनाँक 11.07.2023 दिन मंगलवार का ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्री गुरु नानक देव जी नाका हिंडोला, लखनऊ में बड़ी श्रद्धा एवं सत्कार के साथ मनाया गया। इस अवसर पर शाम का विशेष दीवान 6.15 बजे श्री रहिरास साहिब के पाठ से आरम्भ हुआ जो रात्रि 09.30 बजे तक चला। जिसमें रागी जत्था भाई राजिन्दर सिंह जी ने अपनी मधुरवाणी में शबद कीर्तन गायन एवं नाम सिमरन करवाया। ज्ञानी सुखदेव सिंह जी ने साहिब श्री गुरु हरिक्रिशन साहिब जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि साहिब श्री गुरु हरिक्रिशन साहिब जी महाराज का जन्म आज ही के दिन कीरतपुर में हुआ था। आपके पिता जी का नाम श्री हरिराय जी व माता जी का नाम कृष्ण कौर जी था। श्री गुरु हरिराय ने अपने बड़े बेटे को गद्दी न देकर अपने छोटे बेटे श्री हरिक्रिशन जी में प्रभु भक्ति एवं गुणों को देखकर उन्हें ही गद्दी पर आसीन किया। आप सभी दस गुरुओं के सबसे छोटी उम्र में गुरु गद्दी पर आसीन हुए। इसी लिए आप को ‘‘बाला प्रीतम’’ के नाम से भी जाना जाता है। एक बार जिला अम्बाला के पंजखोरे गांव में एक पंडित कृष्ण लाल ने छोटे से बालक को गुरु मानने से इन्कार करते हुए कहा कि यदि गुरु जी गीता के श्लोकों का अर्थ वधकरके दिखायें तो मै इन्हें गुरु मान लूँगा। गुरु जी ने कहा आप किसी को ले आएं श्री गुरु नानक की कृपा दृष्टि की तसल्ली मै करवा दूँगा। पंडित एक महा मूर्ख को ले आया। गुरु जी की कृपा से वह मूर्ख एक विद्वान की तरह गीता के श्लोकों का अर्थ सुनाने लगा इससे गुरु जी की महिमा पहले से भी ज्यादा फैल गयीं। गुरु जी दिल्ली में ही थे कि चेचक की बीमारी सारे इलाके मे फैल गयी। गुरु जी ने गरीबों, दुखियों की सहायता करनी शुरु कर दी। एक दिन गुरु जी को तेज बुखार हुआ। आपके शरीर पर चेचक के लक्षण दिखाई देने लगे। अपना जाने का समय नजदीेक जान कर साध संगत को आदेश दिया कि ‘‘बाबा बकाला’’ जिसका भाव था कि हमारे बाद गुरु गद्दी की जिम्मेदारी संभालने वाला महापुरुष गांव बकाले (अमृतसर) में है। यह कह कर आठ वर्ष की आयु में आप गुरुपुरी सिधार गये जिस स्थान पर आपका अन्तिम संस्कार हुआ वहाँ अब गुरुद्वारा बाला साहिब है। विशेष रुप से पधारे रागी जत्था भाई रनधीर सिंह जी हजूरी रागी गुरुद्वारा यहिया गंज वालों ने शबद कीर्तन “श्री हरिक्रिशन धियाइएै जिस डिठ्ठे सब दुख जाय।।“ गायन कर समूह साध संगत को निहाल किया। दीवान की समाप्ति के पश्चात लखनऊ गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्री गुरु नानक देव जी नाका हिंडोला, लखनऊ के अध्यक्ष स0 राजेन्द्र सिंह बग्गा जी ने आई साध संगत को साहिब श्री गुरु हरिक्रिशन साहिब जी महाराज के प्रकाश पर्व (जन्मोत्सव) की बधाई दी कार्यक्रम का संचालन स0 सतपाल सिंह ‘‘मीत’’ जी ने किया समाप्ति के उपरान्त हरमिन्दर सिंह टीटू की देखरेख में गुरु का लंगर श्रधालुओं में दशमेश सेवा सोसाइटी के सदस्यों द्वारा वितरित किया गया।

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