बच्चे देश की तरक्की की सबसे बड़ी कुंजी हैं : लीना जौहरी

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संवाददाता।
-यूनिसेफ डे पर लखनऊ में बच्चों के अधिकारों और युवा नेतृत्व का भव्य उत्सव
लखनऊ।
बच्चों और किशोरों की चुनौतियों को समझना जरूरी है क्योंकि देश का भविष्य बच्चों में बसता है। यह कहना है महिला एवं बाल विकास विभाग की अपर मुख्य सचिव तथा राष्ट्रीय पोषण मिशन की
 महानिदेशक लीना जौहरी का। महानिदेशक गुरुवार को यूनिसेफ की स्थापना के 78वें दिवस पर आयोजित राज्यस्तरीय समारोह को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने

 यूनिसेफ दिवस की बधाई देते हुए कहा कि खासकर सुदूर इलाकों के बच्चों को प्रकृति के करीब लाना, उन्हें समझने के अवसर देना और उनके सर्वांगीण विकास के लिए साझा प्रयास जरूरी है। इससे हमारा युवा वर्ग सक्षम और समर्थवान बनेगा। 
गोमती नगर स्थित एक होटल में आयोजित इस समारोह में आईजी, महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन एससी दूबे, यूनिसेफ यूपी के चीफ डॉ. ज़कारी एडम, कम्युनिकेशन स्पेशलिस्ट निपुण गुप्ता, महिला निगम के जनरल मैनेजर पीके त्रिपाठी, बीरबल साहनी पुराविज्ञान संस्थान के प्रोफसर श्रीनिवास विकिना, यूनिसेफ के वॉश विशेषज्ञ नागेंद्र सिंह समेत सस्थाओं के
 सैकड़ों युवक व युवतियां मौजूद रहे। यूनिसेफ, CHABI-YAN (चिल्ड्रन होप फॉर एक्शन और बेटर इम्पैक्ट यूथ एडवोकेसी नेटवर्क) के संयुक्त प्रयास से पूरी ऊर्जा और उत्साह के साथ मनाया गया।

 कार्यक्रम में प्रदेशभर से आए बच्चों, युवाओं, विशेषज्ञों और अतिथियों ने बाल अधिकारों, युवा नेतृत्व और जलवायु परिवर्तन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर सार्थक संवाद किया।
समारोह का शुभारंभ विशिष्ट अतिथियों का सम्मान और दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया। शुरुआती प्रस्तुति में बच्चों द्वारा प्रस्तुत प्रेरणादायक गीत-मेडले ने उपस्थित दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। यूनिसेफ उत्तर प्रदेश की
 कम्युनिकेशन स्पेशलिस्ट निपुण गुप्ता ने स्वागत संबोधन करते हुए कार्यक्रम के उद्देश्य बाल अधिकारों, युवा नेतृत्व और सुरक्षित भविष्य पर विस्तृत चर्चा की। बच्चों की एक और प्रस्तुति ने वातावरण को और उत्साही बना दिया। इसके बाद CHABI-YAN और यूनिसेफ की ओर से यूथ इम्पैक्ट चैलेंज 3.0 पर वीडियो प्रस्तुत किया गया। इसके पश्चात इम्पैक्ट स्टोरी और म्यूजिक वीडियो प्रतियोगिताओं के

 विजेताओं को सम्मानित किया गया। जूरी सदस्यों और युवा स्वयंसेवकों को भी विशेष सम्मान प्रदान किया गया।
कार्यक्रम में उपस्थित उत्तर प्रदेश पुलिस के आईजी एससी दूबे ने यूनिसेफ के साथ कार्य करने को गर्व की बात बताया और भविष्य में भी सहयोग जारी रखने का आश्वासन दिया। उन्होंने प्रख्यात कवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की कविता गाकर बच्चों का उत्साह बढ़ाया। इसके बाद यूनिसेफ उत्तर प्रदेश कार्यालय के चीफ डॉ. ज़कारी एडम ने यूनिसेफ की टीम को मंच पर आमंत्रित किया और प्रेरक संबोधन दिया। उन्होंने कहा कि CHABHI-YAN में ‘चाभी’ का अर्थ यही है कि आप बच्चे भविष्य की कुंजी हैं। आपकी भागीदारी ही इस पहल की सबसे बड़ी ताकत है। सभी प्रतिभागियों ने माई प्रॉमिस टू चिल्ड्रन के तहत सामूहिक बाल अधिकार प्रतिज्ञा ली। महिला निगम के जनरल मैनेजर पीके त्रिपाठी ने कहा कि इस तरह की पहले प्रदेश के हर क्षेत्र में होनी चाहिए, ताकि बच्चों के सर्वांगीण विकास का मार्ग और व्यापक हो सके। बीरबल साहनी पुराविज्ञान संस्थान के प्रोफसर श्रीनिवास विकिना ने आयोजन में आए बच्चों को शोध का महत्व बताया। साथ ही विज्ञान और व्यवहारिक ज्ञान में अंतर भी समझाया। यूनिसेफ के नवीन ने CHABI-YAN की गतिविधियों, उद्देश्यों और उपलब्धियों के बारे में विस्तृत जानकारी साझा की। बच्चों की सुरक्षा व विकास को लेकर सामूहिक शपथ भी दिलाई गई। दिन के सबसे महत्वपूर्ण सत्र जलवायु परिवर्तन और बच्चों पर उसका प्रभाव में यूनिसेफ उत्तर प्रदेश के वॉश विशेषज्ञ नागेंद्र सिंह ने जलवायु संकट, बच्चों की चुनौतियों और हरित अवसरों पर गहन चर्चा की। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन पर ध्यान देने की जरुरत है। CHABI-YAN टीम के ओपन क्विज ऑन चाइल्ड राइट्स एंड यूनिसेफ में बच्चों और युवाओं ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया। इसके बाद यूनिसेफ की विशेष फिल्म की स्क्रीनिंग ने दर्शकों को वैश्विक स्तर पर बच्चों के जीवन को बेहतर बनाने वाले प्रयासों से अवगत कराया।

समारोह में युवा टीम ने अपनी पार्टनर युवा-नेतृत्व वाली संस्थाओं के कार्यों का प्रदर्शन किया और 2026 की योजनाओं पर इंटरएक्टिव सत्र आयोजित किया। अंत में ओपन माइक, सेल्फी-बाइट्स सेशन और रचनात्मक गतिविधियों से सजे समानांतर सत्र हुए, जिनमें बच्चों और युवाओं ने खुलकर अपनी प्रतिभा और विचार साझा किए।समापन हम होंगे कामयाब के सामूहिक गायन और धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ।

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