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गणतंत्र दिवस परेड में प्रदर्शन हेतु सिटी मोन्टेसरी स्कूल की झाँकी तैयार 'विश्व एकता व वसुधैव कुटुम्बकम' की अलख जगायेगी सी.एम.एस. की झाँकी


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संवाददाता 
 
लखनऊ। सिटी मान्टेसरी स्कूल इस वर्ष गणतन्त्र दिवस परेड में 'विश्व एकता लाना है, वसुधैव कुटुम्ब बनाना है इसी थीम पर एक अनूठी झाँकी प्रदर्शित करने जा रहा है। यह झाँकी तैयार होकर रवीन्द्रालय, चारबाग पर खड़ी है। सी.एम.एस. की यह अनूठी झाँकी आज यहाँ आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेन्स में पत्रकारों को दिखाई गई। इस अवसर पर सिटी मोन्टेसरी स्कूल की संस्थापिका- निर्देशिका डा. भारती गाँधी ने झाँकी के विभिन्न पहलुओं की विस्तृत जानकारी पत्रकारों को दी। इस अवसर पर सी.एम.एस. प्रेसीडेन्ट एवं एम.डी. प्रो. गीता गाँधी किंगडन भी उपस्थित थी। पत्रकारों से बातचीत करते हुए सी.एम.एस. संस्थापिका डा. भारती गाँधी ने कहा कि सी.एम.एस. की यह प्रेरणादायी झाँकी भारतीय संविधान में समाहित 'वसुधैव कुटुम्बकम्' का संदेश देने के साथ ही एकता, शान्ति, सद्भाव व सौहार्द पर आधारित विश्व व्यवस्था का आह्वान करेगी। यह झाँकी जनमानस को अनेकता में एकता, सर्वधर्म समभाव एवं विद्यालय को समाज का प्रकाश स्तम्भ के रूप में प्रदर्शित कर उच्च जीवन मूल्यों का अनुसरण करने की प्रेरणा दे रही है। डा. गाँधी ने जोर देते हुए कहा कि सी.एम.एस. की यह झाँकी मात्र प्रदर्शन भर के लिए नहीं है अपितु इसके
पीछे संदेश है कि एकता, शान्ति व सद्‌भाव ही विश्व मानवता के फलने-फूलने का एकमात्र विकल्प है।
इस अवसर पर सी.एम.एस. प्रेसीडेन्ट एवं एम.डी. प्रो. गीता गाँधी किंगडम ने झाँकी की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए बताया कि सी.एम.एस. की झाँकी पाँच भागों में हैं और सभी भाग एक अनूठे ढंग से विश्य एकता का संदेश
दे रहे हैं। झाँकी के प्रथम भाग में एक बच्चा ग्लोब उठाये हुए सारे विश्व को वसुधैव कुटुम्बकम का संदेश दे रहा है जबकि द्वितीय भाग में अनेकता में एकता की भावना का प्रदर्शन करते हुए एक ही छत के नीचे मन्दिर, मस्जिद, गिरजाघर, गुरुद्वारा, बौद्ध विहार, बहाई मन्दिर आदि विभिन्न पूजा स्थलों के माध्यम से दिखाया गया है कि सभी धर्मो का स्रोत एक ही परमपिता परमात्मा है। यहीं पर सी एम.एस छात्रायें झाँकी गीत पर नृत्य प्रस्तुत कर रही है। झाँकी के तृतीय भाग में एक विद्यालय दिखाया गया है जहाँ बच्चे विभिन्न धर्मग्रंथों के माध्यम से हृदयों की एकता का संदेश प्रसारित कर रहे हैं। झाँकी का चौथे भाग में स्कूल को समाज के प्रकाश स्तम्भ के रूप में दर्शाया गया है। विद्यालय यदि समाज को प्रकाश केन्द्र नहीं बनेगा तो समाज का उत्थान व विकास संभव नहीं होगा। झाँकी के अंतिम भाग में शिक्षक बच्चों को शिक्षा प्रदान करते हुए दशयि गये हैं। झाँकी का यह भाग संदेश दे रहा है कि शिक्षक भावी पीढ़ी के चरित्र निर्माता, नैतिकता के संवाहक और संस्कृति के रक्षक होते हैं।
इस अवसर पर सी.एम.एस. स्टेशन रोड कैम्पस की छात्राओं ने झाँकी गीत 'दुनिया के सारे देशों को ये सदेश सुनाना है, सीमाओं के भेद भुलाकर विश्व एकता लाना है, वसुधा कुटुम्ब बनाना है' की प्रेरणादायी पंक्तियों पर मनभावन नृत्य प्रस्तुत कर सभी का मन मोह लिया तथापि झाँकी गीत के माध्यम से धरती को स्वर्ग बनाने का आह्वान किया। झांकी गीत पर मनमोहक प्रदर्शन करने वाली सी एम एस. स्टेशन रोड कैम्पस की छात्राओं में कृतिका सोनकर, अदिति मनि, श्रेयी सिंह, दीक्षा कल्यानी, ईशना सक्सेना, पार्टी मोहन सिंह, अनन्या यादव, तेजश्री संगम, हिमानी सिंह, आराध्या राय, उत्कर्षी गुप्ता एवं रिद्धिमा गुप्ता प्रमुख हैं।
सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी हरि ओम शर्मा ने बताया कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर २६ जनवरी २०२४ को निकाली जाने वाली यह झाँकी सम्पूर्ण विश्वसमाज को समर्पित है और दुनिया को स्वर्ग बनाने के लिए प्रेम और प्यार से रहने के लिए प्रेरित कर रही है। झाँकी से प्रेरणा लेकर यदि एक भी नागरिक समाज को एकता व शान्ति के सूत्र में पिरोने का संकल्प लेता है तो हमारा प्रयास सार्थक होगा।

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