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भाकपा माले ने पार्टी के राष्ट्रव्यापी आवाहन पर लखनऊ में परिवर्तन चौक से जिलाधिकारी कार्यालय की ओर किया मार्च

 संवाददाता:लखनऊ




 लखनऊ :21जुलाई 2023 मणिपुर में नफरती भीड़ द्वारा आदिवासी कुकी समुदाय की दो महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न की भयावह घटनाओं और मणिपुर में जारी हिंसा के खिलाफ आज भाकपा माले ने पार्टी के राष्ट्रव्यापी आवाहन पर लखनऊ में परिवर्तन चौक से जिलाधिकारी कार्यालय की ओर मार्च किया और महामहिम राष्ट्रपति को सम्बोधित तीन सूत्रीय ज्ञापन इंस्पेक्टर कैसरबाग को सौंपा।पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत आज अपराह्न 1.00बजे भाकपा (माले) के जिला प्रभारी का0रमेश सिंह सेंगर के नेतृत्व में बड़ी  संख्या में छात्र, युवा,महिला और मजदूर कार्यकर्ता अपने हाथों में लाल झंडा बैनर और प्लेकार्ड लेकर परिवर्तन चौक पर इकट्ठा हुए और नारे बाजी करते हुए सभा की। कार्यकर्ता नारे लगा रहे थे: मणिपुर की घटना के लिए जिम्मेदार गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री एन वीरेन सिंह इस्तीफा दो!, मणिपुर में यौन हिंसा करनें वालों की शिनाख्त कर उन्हें तुरंत गिरफ्तार करो!, मणिपुर में शान्ति बहाल करो!, मोदी सरकार की नफरत और विभाजन की राजनीति मुर्दा बाद!, मणिपुर की घटना के लिए पीएम मोदी जबाब दो! सभा को सम्बोधित करते हुए भाकपा (माले) जिला प्रभारी का0रमेश सिंह सेंगर ने कहा कि मणिपुर में नफरती भीड़ द्वारा आदिवासी कुकी समुदाय की दो महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न की भयावह घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है।कल मणिपुर में दासियों हजार की संख्या में महिलाओं और पुरुषों ने काले कपड़े पहनकर विरोध प्रदर्शन किया और पूरे देश में लोग सड़कों पर उतर आए तब जाकर प्रधानमंत्री मोदी की कानों में जूं रेंगा। उन्होंने कहा कि पिछले ढाई महीनों से  मणिपुर में हिंसा होती रही, सैकड़ों लोग मारे जाते रहे,भारी संख्या में चर्च जला दिए गए और जनता व विपक्षी दलों की आवाज की अनसुनी की जाती रही और प्रधानमंत्री मोदी चुप रहे। गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने हिंसा की रोकथाम के लिए कोई भी कदम नहीं उठाये।
इस पूरी घटना ने पूरे देश को शर्मशार किया है। इसके लिए सीधे तौर पर गृहमंत्री अमित शाह और मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ज़िम्मेदार है। इसलिए गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को तुरंत अपने पद से त्यागपत्र दे देना चाहिए।उन्होंने कहा कि मणिपुर की घटनाओं और पिछले दिनों महिला पहलवानों के मामले में मोदी सरकार की भूमिका ने उनके महिला विरोधी चरित्र का पर्दाफाश कर दिया है। उन्होंने कहा कि मणिपुर की पहाड़ियों में मौजूद खनिज को कारपोरेट को सौप देने के लिए  मोदी-अमित शाह की राजनीति ने वहां कुकी और मैतेई समुदाय के बीच कभी एक न होने देने का काम किया है। उन्होंने कहा कि एक देश मंहगाई, बेरोजगारी की मार झेल रहा है तो दूसरी और मोदी सरकार की नफरत और हिंसा की राजनीति देश को तबाही की ओर ले जा रही है इसलिए अब भाजपा मुक्त भारत के लिए संघर्ष तेज करना होगा। उन्होंने मांग की कि मणिपुर में घटी घटना की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए, सभी हमलावरों को तुरंत चिन्हित करके गिरफ्तार किया जाए और उनके विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाए।पिछले डेढ़ महीने से ज्यादा समय से जारी हिंसा की सम्पूर्ण घटनाओं की जांच कराई जाए और हिंसा पर तत्काल रोक लगाई जाए।इस तरह की घटनाओं की जांच के लिए नारीवादियों और वकीलों की एस सी निगरानी टीम भेजी जाए। सभा को आइसा की अंजलि,सनातन,ऐक्टू के जिला मंत्री का0 कुमार मधुसूदन मगन, इनौस के नेता का0 राजीव गुप्ता,ऐपवा की नेत्री का0 कमला गौतम ने सम्बोधित किया।कार्यक्रम में आइसा के राज्य सचिव का0 शिवम्,का0अनिल कुमार,का0 ओम प्रकाश राज,का0 नीरज कनौजिया,का0 प्राची,का0 शशांक,का0अदनान,का0सुकीर्ती,का0अमन, क्रांति,का0 मंजू गौतम,का0कमलेश गौतम,का0 नौमी लाल,का0 डोरीलाल आदि लोग मौजूद रहे।

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