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उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के नेताओं ने यह मांग की है चंद्रयान-3 के उतरने का सीधा प्रसारण सायं काल विद्यालय में शिक्षक एवं छात्र/ छात्राओं को किसी प्रकार स्कूल में रोक पाना संभव नहीं है अतः उक्त आदेश वापस लिया जाय

 संवाददाता लखनऊ

    22 अगस्त 2023

            

 उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक महासंघ के अध्यक्ष डा0 दिनेश चन्द्र शर्मा एवं संयोजक सुरेश कुमार त्रिपाठी, पूर्व एम0एल0सी ने महानिदेशक स्कूल शिक्षा और शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) शिक्षा को पत्र लिखकर दिनांक 23 अगस्त, 2023 को चन्द्रयान - 3 के उतरने के समय सायं 05ः15 से 6ः15 बजे तक विद्यालाओं में छात्र/छात्राओं एवं शिक्षको को विशेष सभा आयोजित कर सीधा प्रसारण देखने सम्बन्धी निर्देश पर व्यवहरिक कठिनाई बतलाते हुए ऐसे आदेश को वापस लिए जाने की मांग भी है। संगठन के प्रदेशीय उपाध्यक्ष एवं प्रवक्ता डा0 आर0पी0 मिश्र ने बताया कि उच्चाधिकरियों को प्रेषित किए गए पत्र में शिक्षक नेताओं ने लिखा है कि विद्यालयों में टेलीविजन, डिश, प्रोजेक्टर अथवा स्मार्टफोन आदि की कोई व्यवस्था नहीं है जिसके कारण उक्त लाइव प्रसारण छात्र/छात्राओं को दिखाया जाना सम्भव नही है। जबकि लगभग सभी छात्र/छात्राओं को घर पर सजीव प्रसारण देखने हेतु टेलीविजन आदि की व्यवस्था है। इस हेतु छात्र/छात्राओं को राष्ट्रीय स्वाभिमान के इस कार्यक्रम को देखने हेतु प्रेरित किया जायेगा। शिक्षक नेताओं ने कहा कि बेसिक शिक्षा परिषदीय विद्यालयों का समय प्रातः 08 बजे से 02 बजे तथा माध्यमिक विद्यालयों का समय प्रातः 07ः20 से 12ः30 बजे के मध्य संचालित होता है। चूंकि चन्द्रयान-3 का चन्द्रमा पर उतरने का सीधा प्रसारण सायं 05ः15 से 06ः15 बजे तक विद्यालय में किसी भी परिस्थिति में रोक पाना सम्भव नहीं हैं।शिक्षक नेताओं ने अपने पत्र में लिखा है कि महानिदेशक द्वारा 29 जुलाई, 2023 को मोहर्रम के अवकाश तथा रविवार 13 अगस्त, 2023 को भी इस प्र्रकार के आयोजन हेतु विद्यालय को खोले जाने के निर्देश दिये गयेे थे। अवकाश में भी विद्यालयों को खोलना किसी भी प्रकार से न्यायोेचित नही है और न ही इसके बदले किसी भी प्रकार का आपके द्वारा प्रतिकर अवकाश स्वीकृत जाता है। इस प्रकार के आदेशों से विद्यालयों को खोले जाने से शिक्षकोें मेे भारी रोष एवं आक्रोश व्याप्त है।शिक्षक नेताओं ने मांग कि है कि अवकाश की अवधि में इस प्रकार से विद्यालय न खोले जायें और विद्यालय कार्य अवधि में ही इस प्रकार के कार्यक्रम संचालित किये जायें।

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