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सेवा सुरक्षा और वेतन के लिए याचना कार्यक्रम का 43वां दिन उपवास का 29वां दिन

 संवाददाता

लखनऊ:याचना कार्यक्रम का 43 वां दिन है और उपवास का 29वां दिन है परंतु अभी तक शासन में बैठे अधिकारी कोई निर्णय नहीं ले सके जो कि बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है हजारों शिक्षक आज 43 दिन से अपने घर परिवार सब को छोड़कर अपने वेतन के लिए लगातार निदेशालय पर याचना के रूप में और उपवास धारण कर लगातार अपने जीविका के लिए निरंतर संघर्ष रथ यहां किसी को 1 दिन की दिहाड़ी नहीं मिलती तो जमीन और आसमान एक कर देता है पर  तदर्थ शिक्षकों की सहनशीलता को देखिए अपने इस दुख को अपने दिल में समेटे हुए लगातार हनुमान चालीसा का पाठ कर और सीता राम नाम का जाप करें अपने वेतन और अपनी जीविका के लिए अपने  हनुमान जी से लगातार याचना और प्रार्थना कर रहे हैं साथ में प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री आदरणीय योगी आदित्यनाथ जी की तस्वीर रख कर के तदर्थ शिक्षक अपनी जीत  के लिए मुख्यमंत्री से भी लगातार याचना और प्रार्थना कर रहा है  मुख्यमंत्री  हमारी कब सुनेंगे जिससे हमारे परिवार का पालन पोषण हो सके क्योंकि उसके मां-बाप गंभीर बीमारियों से त्रस्त हैं जिनकी दवाइयां बच्चों की पढ़ाई  और परिवार की परवरिश इन्हीं वेतनो की बदौलत होती है तुरंत दुर्भाग्य से 14 माह से हम सभी को वेतन नहीं प्राप्त हो सके जबकि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जो काउंटर लगाया है उसमें स्पष्ट रूप से उल्लेख किया है 1993 से अद्यतन कार्यरत सभी तदर्थ शिक्षक एक ही श्रेणी में आते हैं दुर्भाग्य ऐसा है कि 2000 के पहले के शिक्षक साथियों को वेतन भी मिल रहा है और काफी अधिकारियों का जो संरक्षण प्राप्त है उनको वेतन  किया जा रहा है! हम सभी को किसी का छति पहुंचाना या नुकसान करना हमारा उद्देश्य नहीं हमारा उद्देश्य हम काम कर रहे हैं तो हमको वेतन मिलना चाहिए और हमारी 25 वर्ष की सेवा 20 वर्ष की सेवाएं हो चुकी हैं तो इस लंबी अवधि को देखते हुए हमारा भी विनियमितीकरण किया जाए 2 वर्ष की अवधि की नौकरी करने के बाद विषय विशेषज्ञों को विनतीकरण दिया गया पूर्ववर्ती सरकारों में पूल टीचर को भी विनियमित किया गया इस प्रकार से हम सभी लोग रिक्त पदों के सापेक्ष नियुक्त कोई सरकार पर अतिरिक्त भार नहीं पड़ेगा।

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