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सोमवार को जनेश्वर मिश्रा पार्क के पण्डाल में प्रदेश के कई जिलों से आये हजारों दर्शकों में तब जोश दिखाई दिया जब नाट्य शुरू होते ही शिवाजी की माता जीजाबाई ने अपने पति को मुगल सल्तनत के खिलाफ ललकारते हुए बागवत की बात कही, और कहा कि महाराज आप यह युद्ध किसके लिए लड़ रहे हैं। इन मुगलों ने महाराष्ट्र के हजारों हिन्दुओं की बहन बेटियों की इज्जत लूटी है और लगातार यह मुगल हिन्दुओं को पैरों से कुचल रहे हैं। इस पर भी जब उनके पति विद्रोह करने के लिए तैयार नहीं हुए तो स्वयं माता जीजाबाई ने तुलजा भवानी से वरदान मांगा कि हे माता महाराष्ट्र के लोगों की रक्षा के लिए प्रकट हो जा। माता ने कहा कि आज भगवान शिव और तुलजा भवानी तुम दोनों की शक्ति की जरूरत आन पड़ी है। जीजाबाई ने अपने पुत्र शिवाजी को बचपन से ही राष्ट्रप्रेम और चरित्र की कठोर शिक्षा देते हुए मुगल सेना के खिलाफ खड़ा किया और शिवाजी को यह शपथ दिलाई कि तुम स्वयं अपनी सेना बनाकर इन मुगलों की अत्याचार के खिलाफ युद्ध करो और हिंदवी स्वराज की स्थापना करो। कहा कि शिवा आज से साक्षात् तुलजा भवानी तेरी तलवार पर निवास करेंगी और तुम स्वयं भगवान शिव की तरह शक्तिमान बनकर आम जनता की रक्षा और सुरक्षा करेगा। माता की शिक्षा का शिवाजी पर इतना प्रभाव पड़ा कि वह 14 वर्ष की उम्र में एक महान योद्धा बन गये थे और अपनी सेना के द्वारा मुगलों के कब्जे से कई किलों पर विजय प्राप्त कर ली थी। नाट्य के समय राष्ट्रप्रेम के प्रति विशेष झलक तब दिखायी दी जब खचाखच भरा पण्डाल जय भवानी-जय शिवाजी के उद्घोश गूंज उठा। सायं 5 बजे नाट्य शुरू होते ही दर्शकों में उत्साह और स्फूर्ति दिखायी दे रही थी। नाट्य के दौरान भारत का शौर्य पराक्रम और स्वाभिमान साक्षात् शिवाजी महाराज में दिखाई दे रहा था। शिवाजी ने यह भी कहा कि राजा प्रजा का सेवक होता है जिसके राज्य में प्रजा सुखी होती वहीं सफल राजा होता है। शिवाजी स्वयं राज्य स्वीकार नहीं कर रहे थे, वह अपनी भारत माता और महाराष्ट्र को मुगलों के आतंक और चंगुल से मुक्त कराने के लिए अपनी सेना बनाकर लगातार उनसे भयानक युद्ध कर रहे थे। उन्होंने कुछ ही सालों में मुगलिया सैनिकों में भय व्याप्त कर दिया था। इससे मुगल शासक चीख-चीख कर अपने सेनापतियों और सैनिकों पर खींच रहा था और साथ ही शिवाजी की वीरता का बखान भी कर रहा था। औरंगजेब ने अपने सेनापतियों से कहा कि अकेले एक शिवाजी ने हमारी समुद्र जैसी सेना को तहस-नहस कर दिया और तुम लोग देखते रहे। उसने कहा लानत है तुम्हारी वीरता पर साथ ही शिवाजी की तारीफ करते हुए कहा कि बहुत खूब वीर हो तो शिवाजी जैसा। इस तीन घंटे के मंचन को देख रहे हजारों दर्शक झूम उठे और बीच-बीच में जय भवानी-जय शिवाजी के नारों से पण्डाल गूंजने लगा। दिव्य प्रेम सेवा मिशन के द्वारा दिनाँक 26 से 31 अक्टूबर 2023 तक हिंदवी स्वराज स्थापना के 350वें वर्ष पर छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन पर आधारित विश्व के सबसे बड़े महानाट्य ‘जाणता राजा’ का आयोजन लखनऊ, उ0प्र0 के जनेश्वर मिश्र पार्क में किया जा रहा है। आज पांचवें दिन भी खचाखच भरे पण्डाल में लगभग 15 हजार दर्शक ने इस महानाट्य मंचन को देखा। आज कार्यक्रम के दौरान अतिथि के रूप में प्रदेश के मा0 उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक जी, कैबिनेट मंत्री मा0 जितिन प्रसाद जी, कैबिनेट मंत्री मा0 सुरेश खन्ना जी, श्री श्यामनन्दन सिंह जी अध्यक्ष गो-सेवा आयोग, बौद्धिक प्रमुख मिथिलेश जी, हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति श्री श्रीप्रकाश सिंह जी, न्यायमूर्ति श्री सौरभ लावानिया जी, न्यायमूति श्री मंजीव शुक्ला जी, मा0 विधायक सरोजनी नगर डॉ0 राजेश्वर सिंह जी, विधायक नागेन्द्र सिंह राठौर जी, अपर महाधिवक्ता श्री विनोद कुमार शाही जी, शासकीय अधिवक्ता डॉ0 वी0के0 सिंह जी, वरिष्ठ प्रचारक श्री वीरेन्द्र सिंह जी, वरिष्ठ प्रचारक युद्धवीर जी, सह प्रान्त प्रचारक अवध प्रान्त संजय जी, वरिष्ठ पत्रकार श्री नरेन्द्र भदौरिया जी, श्री बलवन्त सिंह परिहार जी, स्वयं सेवक पप्रशांत भाटिया जी, भाजपा कार्यालय प्रमुख रामानन्द कटियार जी एवं मीडिया प्रभारी विनय सिंह आदि उपस्थित रहे। दिव्य प्रेम सेवा मिशन के संस्थापक डॉ. आशीष गौतम जी ने कहा कि इस महानाट्य को आयोजित करने का निर्णय दो सात्विक उद्देश्यों के लिए किया गया है पहला यह कि वर्तमान युवा पीढ़ी के सामने एक ऐसे महान योद्धा के चरित्र की प्रस्तुति हो जिसे देखकर व समझकर युवा पीढ़ी अपने जीवन की दशा-दिशा तय कर सकें। अपनी संस्कृति एवं इतिहास अनेक वीरों की शौर्य गाथाओं से भरा हुआ है परन्तु समाज के एक बड़े वर्ग को इसकी जानकारी तक नही है। उन्ही वीरों में से एक हैं छत्रपति शिवाजी महाराज हैं। दूसरा पवित्र उद्देश्य यह है कि संवेदनशील समाज को दिव्य प्रेम सेवा मिशन के सेवा कार्यों से जोड़ना। डॉ. आशीष गौतम जी ने आगे बताया कि कार्यक्रम को सवा लाख लोगों को दिखाने का लक्ष्य रखा गया है जो निरन्तर पूर्णता की ओर है। दिव्य प्रेम सेवा मिशन के आयोजन प्रभारी श्री कामेश्वर सिंह जी ने बताया कि दिव्य प्रेम सेवा मिशन के द्वारा विगत 27 वर्षाें से जो हरिद्वार में कुष्ठ पीड़ित,अनाथ,असहाय निराश्रित लोगों के लिए शिक्षा,स्वास्थ्य एवं स्वावलम्बन के अनेक प्रकल्पों का संचालन निःशुल्क रूप से समाज के सहयोग से निरन्तर कर रहा है। इसमें कुष्ठ रोग से पीड़ित सभी रोगियों की निःशुल्क चिकित्सा एवं उनके बच्चों की शिक्षा-दीक्षा का भी कार्य लगातार किया जा रहा है। सेवा मिशन के संयोजक श्री संजय चतुर्वेदी जी ने बताया कि इस दिव्य नाट्य को देखने के बाद विद्यार्थी, युवा एवं समाज के अनेक वर्ग के लोग अपने पुराने इतिहास और आदर्शो को जान और समझ रहे हैं। इससे समाज में आने वाली युवा पीढ़ी में चरित्र और संस्कार का निर्माण भी होगा। कार्यक्रम आयोजन से आम नागरिकों के साथ छात्रों, व्यवसायिक, राजनैतिक, चिकित्सा, शिक्षा, न्यायपालिका आदि क्षेत्रों से जुडे़ हजारों लोगों में अपार उत्साह देखने को मिल रहा है। जाणता राजा नाट्य एक्स (पूर्व में ट्वीटर) X पर भी ट्रेडिंग पर रहा। शाम 6 बजे से 8 बजे तक #जाणताराजाDPSM लगातार ट्रेन्ड करता रहा। यह भी बताया कि दिनाँक 31.10.2023 दिन मंगलवार को इस नाट्य का समापन दिवस होगा।

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