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संवाददाता। लखनऊ
प्रार्थीगणों की नियुक्ति चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पद पर वर्ष 2013 और 2017 में जनपद लखनऊ में हुई
सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में विज्ञापन के आधार पर की गई, विज्ञापन के बाद प्रार्थी गणों ने प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया, इसके बाद विद्यालयों में साक्षात्कार लिया, उसके बाद हम लोगों को
नियुक्त पत्र दिए गए हम लोग बराबर काम करने लगे और जिला विद्यालय निरीक्षक लखनऊ ने अनुमोदन दिया, हम लोगों का निरंतर कई माह तक वेतन भुगतान भी विभाग द्वारा हुआ हम लोग बराबर काम कर रहे थे, और वेतन पा रहे थे, परंतु अचानक वर्ष 2017 में तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक लखनऊ ने हम लोगों का वेतन रोक दिया, हम लोगों ने अनेकों प्रार्थना पत्र समस्त विभाग को वेतन भुगतान के संबंध में समय-समय पर दिए परंतु किसी प्रकार की कोई सुनवाई नहीं हुई, वर्षाे तक कार्य लेने के बाद हम लोगों से विद्यालयों ने भी कार्य एवं विभिन्न तिथियां में विद्यालय उपस्थित पंजिका पर भी हस्ताक्षर करने बंद करवा दिए गए, हम लोगों की उम्र की सीमा भी अब समाप्त हो चुकी है। हम सभी लोग बेरोजगार हैं, कहां जाएंगे जबकि हम लोगों की कोई गलती भी नहीं है। यह सारी प्रक्रिया विद्यालय और विभाग द्वारा की गई है, जिसमें प्रार्थीगणों की कोई भी गलती नहीं है अब इस दिशा में विभाग और विद्यालय अपनी जिम्मेदारियों को अनदेखा कर प्रार्थीगणों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहा है। जबकि भर्ती की प्रक्रिया बंद थी जैसा की विभाग के पदाधिकारी कहते हैं, फिर भी हम प्रार्थीगणों को अनुमोदन जिला विद्यालय निरीक्षक लखनऊ द्वारा निरंतर कई माह भुगतान वेतन विभाग द्वारा कैसे किया गया।
आपसे अनुरोध है कि प्रार्थीगणों के इस पत्र को संज्ञान में लेते हुए अपने सम्माति समाचार पत्र में उचित स्थान देने की कृपा करें। जिससे पीड़ित प्रार्थीगणों का जीवणोंउद्धार हो सके। इस अवसर पर अनुराग मिश्रा, सत्य प्रकाश दुबे ,अजीत कुमार, सत्यपाल सिंह, रवि गुप्ता, गजेंद्र कुमार सिंह, कृष्ण रतन, साहब लाल, अनुराग मिश्रा, अमर सक्सेना, ललित, नंदनी जी, पंकज श्रीवास्तव, अजीत तिवारी, प्रभात श्रीवास्तव, रुपेश,अरविंद कुमार आदि उपस्थित थे।
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