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पशु पक्षी प्रेमियों की सरकार से गुहार कड़े करें कानून:

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लखनऊ/ संवाददाता


शिवानी जैन एडवोकेट

ऑल ह्यूमंस सेव एंड फॉरेंसिक फाउंडेशन की डिस्ट्रिक्ट वूमेन चीफ एवं जीव दया की स०स० शिवानी जैन एडवोकेट बताया कि अकराबाद के गांव अधौन में रात को एक कमरे में 65 बकरे बकरियों को बंद कर दिया गया। सुबह जब कमरा खोला गया तो सभी बकरे बकरियों की दम घुटने से मृत्यु हो चुकी थी।
पनेठी में तैनात पशु चिकित्सक डॉ अमित पाल ने बताया कि बकरे और बकरियों के पोस्टमार्टम के बाद यह परिणाम सामने आया है कि सभी की मृत्यु दम घुटने के कारण हुई है। दो बकरियों का पोस्टमार्टम किया गया है। सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया है।उन्होंने कहा कि पशु क्रूरता अधिनियम के अंतर्गत कार्यवाही सुनिश्चित की जानी चाहिए। क्या रात में उस व्यक्ति ने एक बार भी यह नहीं देखा कि बकरे बकरियों की हालत कैसी है।
मां सरस्वती शिक्षा समिति के प्रबंधक एवं जीव दया के सक्रिय सदस्य इं विपिन कुमार जैन ने कहा कि जानवर भी हमारे समाज का एक अहम हिस्सा हैं। ये हमारे पर्यावरण को भी संतुलित बनाए रखने में सहायक होते हैं। जानवर मन से सच्चे होते हैं। उनमें भी भावनाएं होती हैं। जानवरों को प्रेम और स्नेह चाहिए, क्योंकि ये बहुत ही कोमल व संवेदनशील होते हैं। इंसान लालच में इतना अंधा हो गया है कि उसे अपने फायदे के आगे कुछ भी नहीं दिखता।
बेजुबान जानवर दम घुटने से कितना तड़पते होंगे, यह तो सिर्फ वही जानते हैं। एक बार तो रात में बेजुबान जानवरों को अवश्य ही देखना चाहिए।महिला समर्पण उत्थान समिति की जिला अध्यक्ष एवं जीव दया की स०स० डॉ कंचन जैन, सुनीता जैन ,मां सरस्वती शिक्षा समिति के संरक्षक आलोक मित्तल एडवोकेट, ज्ञानेंद्र चौधरी एडवोकेट, डॉक्टर नवीन चौधरी , सार्क फाउंडेशन की तहसील प्रभारी डॉ अंजू लता जी, अध्यक्ष शकुंतला देवी, शालू सिंह एडवोकेट, एवं जीव दया पशु पक्षी प्रेमीओं ने कहा कि पशुओं के प्रति क्रूरता रोकने के लिए कानून सख्त होना चाहिए ,जेल भी हो और साथ-साथ भारी जुर्माना भी हो, ताकि लोगों में डर पैदा हो। मीडिया पशु-पक्षियों के संरक्षण के लिए काम करने वाले लोगों के बारे में ज्यादा से ज्यादा बताए। पशु कल्याण अधिकारी के नाम, फोन नंबर का प्रचार किया जाना चाहिए।उन्होंने कहा कि पशु-पक्षियों पर हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए भारत सरकार ने साल 1972 में भारतीय वन्य जीव संरक्षण अधिनियम पारित किया था। इसका मकसद वन्य जीवों के अवैध शिकार, मांस और खाल के व्यापार पर रोक लगाना था। पशु पक्षी प्रेमियों ने और कड़े कानून बनाने की मांग की ।
शिवानी जैन एडवोकेट
डिस्ट्रिक्ट वूमेन चीफ

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