अली के शेर दिल बेटे को अब्बास कहते हैं: मौलाना सय्यद राहिब हसन

 लखनऊ/ संवाददाता


लखनऊ: गोलागंज के मकबरा आलिया स्थित अज़खाने मज़हर हुसैन साहब में अशरे की आठवीं मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना सय्यद राहिब हसन ने कहा कि जब अल्लाह ने हज़रत आदम को खल्क करने का फैसला किया तो तमाम फरिश्तों ने एक साथ कहा परवरदिगार तू उसे ज़मीन पर खलीफा बना कर भेजेगा जो फसाद शुरू करेगा हम में से किसी को नबी बना कर भेज दे तो अल्लाह ने कहा हादी बनाने का हक सिर्फ मुझको है बाकी किसी और को नहीं है लिहाज़ा मैं जिसे चाहूं हादी बना दूं अब लोग हादी अल्लाह का बनाया हुआ मानेंगे तो हक के रास्ते पर रहेंगे और अगर अल्लाह का बनाया हुआ हादी नहीं मानेंगे और अपना हादी बनाएंगे तो गुमराह हो जाएंगे।मौलाना ने हज़रत अब्बास की शुजाअत को बयान करते हुए कहा कि अब्बास उस शुजा को कहते हैं जिसको खुद मौला अली ने नमाज़े शब की दुआ में मांगा जो करबला में इमाम हुसैन पर अपनी जान को कुरबान कर सके और हज़रत अब्बास बहुत ही बहादुर थे पूरा लश्कर उनके नाम से खौफ खाता था।अंत में मौलाना ने मौला अब्बास के मसाएब का मंज़र बयान किया जिसको सुन कर अज़ादार अपने आसुओं को रोक नहीं पाए मजलिस के बाद आलम मौला अब्बास की ज़ियारत कराई गई।

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