मरकज़े इंसानियत है करबला: मौलाना सय्यद राहिब हसन

 संवाददाता 

लखनऊ: गोलागंज के मकबरा आलिया स्थित अज़खाने मज़हर हुसैन साहब में अशरे की तीसरी मजलिस को संबोधित करते हुए मौलाना सय्यद राहिब हसन ने कहा इमाम हुसैन अ० ने मदीने में कहा था कि मैं करबला जंग करने की नियत से नहीं जा रहा हूं बल्कि अपने नाना की उम्मत की इस्लाह के लिए जा रहा हूं और मदीने से करबला तक बल्कि शहादत तक इमाम ने उम्मत की इस्लाह करने की कोशिश की लेकिन ज़ालेमीन को समझ में नहीं आया क्योंकि वह दुनिया की माल व दौलत के लिए करबला आए थे।मौलाना ने कहा कि इमाम ने रसूले खुदा के मक़सद को आगे बढ़ाया लोगों के नफ्स की इस्लाह की और उनको बताया भी कि रसूल किस मक़सद से दुनिया में आए थे हम भी उसी मक़सद से दुनिया में आए हैं ताकि नाना के दीन को बचा सकूं और सारे लोगों के नफ्स की इस्लाह कर सकूं।अंत में मौलाना सय्यद राहिब हसन ने जनाबे हुर अलैहिस्सलाम की शहादत बयान की जिसको सुन कर अज़ादारों ने अपने अपने सीनों को पीट लिया और तेज़ तेज़ रोने लगे।

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