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वेतन के अभाव में समुचित इलाज ना होने के कारण तदर्थ शिक्षक का देहांत

 लखनऊ/संवाददाता



तदर्थ शिक्षक विपिन कुमार वर्मा पुत्र राम निहोर वर्मा निवासी ग्राम कासिमपुर कर्बला पोस्ट रुकनपुर जिला अंबेडकरनगर शास्त्री औद्योगिक इंटर कॉलेज कासिमपुर कर्बला अंबेडकरनगर में सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत  थे 1 वर्ष से वेतन न मिलने के कारण उनका परिवार वर्मा जी का समुचित इलाज नहीं करा सका जिसके कारण कल रात में ही स्वर्गवास हो गया इनके परिवार में दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है बूढ़े मां बाप दवाइयां और विधवा पत्नी और बच्चों की पालन पोषण शिक्षा अभाव के कारण परिवार बिखर गया क्षेत्र में जिन्होंने यह खबर सुनी सबकी आंखों में आंसू आ गए सभी ने सरकार की कड़ी निंदा की क्षेत्र के लोगों ने कहा सरकार को इतना कठोर नहीं होना चाहिए था कि किसी के प्राण ले 40 दिनों से तदर्थ शिक्षक अपने वेतन भुगतान के लिए याचना कर रहे हैं कुछ ही दूर पर  मुख्यमंत्री का आवास है फिर भी कोई सुनवाई नहीं है दुख की बात तो यह है यह सभी सदस्य भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता और पदाधिकारी जब इन लोगों की अपनी ही सरकार में नहीं सुनी जा रही है तो किसी दूसरे की क्या सुनी जाती होगी संयोजक राजमणि सिंह का कहना है कि विपिन वर्मा हम लोगों का साथ छोड़ कर चले जाना बहुत ही बड़ी क्षति तदर्थ शिक्षकों के लिए है वेतन के अभाव में अब तक लगभग 35  तदर्थ शिक्षकों का इलाज ना होने के कारण देहांत हो चुका है हिंदुस्तान में पहली बार ऐसा हो रहा है की संपूर्ण वेतन पाने वाला व्यक्ति आज सरकार उसको 20000 मानदेय देना चाहती जबकि मानदेय पाने वाला व्यक्ति समय-समय पर विनय मीत होता रहा है या दुर्भाग्य है की अप्सरा के कहने पर आज 14 सपरिवार के भविष्य के साथ गुरुर मजाक किया जा रहा है जबकि सरकारें संविदा कर्मियों को पूर्ण टीचर को विषय विशेषज्ञ को जो कि मात्र 2 वर्ष पढ़ाई थी उनको वेतन संपूर्ण देकर आर्मेलिट कर दिया गया जबकि संपूर्ण वेतन संपूर्ण उपलब्धि पाने वाला यह तदर्थ शिक्षक बड़ा दुर्भाग्य साली है जो संपूर्ण वेतन के साथ-साथ सारी उपलब्धियां भी पाता था और हम सभी लोग 2003 से नियुक्त है हम सभी लोग टेंशन में भी आते थे लेकिन यह ऐसा बड़ा दुर्भाग्य हम सभी लोग भारतीय जनता पार्टी के समर्थक और कार्यकर्ता हैं आज हमारे साथ अफसरों ने घिनौना मजाक किया है सुप्रीम कोर्ट की गलत व्याख्या करें पहली बार हिंदुस्तान में ऐसा होने जा रहा है संपूर्ण वेतन पाने वाला व्यक्ति शिक्षा विभाग के अधिकारी उसको 15 से 20000 मानदेय पर रखने की बात सरकार को समझा रहे हैं यह तदर्थ शिक्षकों की और उनके परिवार का कुरुर रूप से बध करने जैसा है जो व्यक्ति संपूर्ण उपलब्धि पा रहा था संपूर्ण रूप से टीचर है ट्रेनड टीचर यह में b.Ed बीपीएड पी एचडी है उसको इस तरीके से गलत व्याख्या कर सुप्रीम कोर्ट की और एक तरीके से केवल हैरान परेशान करने की दृष्टि से हम सभी तदर्थ शिक्षकों के साथ घिनौना खेल खेला जा रहा है प्रभु भी कभी माफ नहीं करेगा जो लोग इस साजिश में शामिल हैं और हम लोगों के भविष्य के साथ क्रूर मजाक कर रहे हैं

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