मजलिस हुसैन से रोकने वाला इंसान नहीं शैतान है: मौलाना सय्यद राहिब हसन

 लखनऊ/संवाददाता 


लखनऊ: गोलागंज के मकबरा आलिया स्थित अज़खाने मज़हर हुसैन साहब में अशरे की सातवीं मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना सय्यद राहिब हसन ने कहा कि जनाबे इब्राहीम ने ख्वाब में देखा की वो अपने बेटे इस्माइल को ज़िब्ह कर रहे हैं उन्होंने ख्वाब को अपने बेटे इस्माइल से बयान किया तो जनाबे इस्माइल ने कहा बाबा जान आपने जो ख्वाब देखा है उस पर अमल कीजिए इंशाल्लाह मुझे सब्र करने वालों में पाएंगे जनाबे इब्राहीम अपने बेटे इस्माइल को ले कर मिना की पहाड़ियों के बीच में जा रहे थे तो शैतान ने उनकी बीवी से कहा कि इब्राहीम तुम्हारे बेटे को ज़िब्ह करने के लिए ले जा रहे हैं जनाबे इब्राहीम की बीवी ने शैतान को कंकरियां मारी फिर इस्माइल के पास आया जनाबे इस्माइल ने भी शैतान को कंकरियां मारी उसके बाद जनाबे इब्राहीम के पास आया उन्होंने भी कंकरियां मारी शैतान ने बहुत रोकने की कोशिश की लेकिन कंकरिया खाई और भाग गया नबी अगर अपनी कुर्बानी दें तो कहते हैं आप हमे सब्र करने वालों में पाएंगे लेकिन इमाम अगर कुरबानी देते हैं तो अल्लाह का शुक्र करते हैं नबी को जो रोके वो शैतान इंसान नहीं इसी तरह मजलिस से जो रोके वो भी शैतान है इंसान नहीं।मौलाना ने कहा कि शैतान अपने प्लान में कभी कामयाब नहीं हुआ जनाबे इब्राहीम को रोका तो अल्लाह ने कहा इब्राहीम हम इस कुरबानी को खुशी में बदल देंगे क्योंकि इस्माइल सही सलामत हैं और इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम ने कुरबानी दी तो अल्लाह ने कहा हम इस कुरबानी को कयामत तक गम में बदल देंगे शैतान और शैतानी लोग खूब रोकने की कोशिश करें लेकिन मजलिसों को रोक नहीं पाएंगे।अंत में मौलाना ने इमाम हसन के यतीम जनाबे कासिम के मसाएब पढ़े यतीम के मसाएब सुन कर अज़ादार अपने आसुंओ को रोक नहीं पाए चीख मार मार कर रोए।

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