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शिक्षक महासंघ ने महानिदेशक स्कूल शिक्षा की कार्यप्रणाली के विरोध में किया जोरदार धरना प्रदर्शन

 संवाददाता

लखनऊ । पुरानी पेंशन बहाली, राज्य कर्मचारियों की भांति उपार्जित अवकाश, द्वितीय शनिवार अवकाश, प्रतिकर अवकाश, कैशलेस चिकित्सा, प्रत्येक विद्यालय में प्रधानाध्यापक की पदोन्नति एवं तैनाती, सभी शिक्षकों को प्रोन्नत वेतनमान,10 लाख रुपए का सामूहिक बीमा,अंतर्जनपदीय एवं अंत: जनपदीय पारस्परिक स्थानांतरण माध्यमिक शिक्षकों की सेवा सुरक्षा से संबंधित धारा 21 को शिक्षा सेवा चयन आयोग अधिनियम में सम्मिलित करने आदि मांग को लेकर प्रदेश के हजारों बेसिक एवं माध्यमिक शिक्षकों ने उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ के बैनर तले महानिदेशक स्कूल शिक्षा पर धरना देकर शीघ्र ही समस्याओं के निराकरण की मांग की।शिक्षक महासंघ के अध्यक्ष डॉ दिनेश चंद्र शर्मा ने कहा की महानिदेशक द्वारा प्रदेश के अधिकारियों में भ्रम फैलाया जा रहा है कि सरकार शिक्षकों से नाराज है, इसलिए शिक्षकों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए‌ इसी भ्रम में प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी ,बेसिक शिक्षकों को अपमानित एवं उत्पीड़न कर रहे हैं। डॉक्टर शर्मा ने कहा कि महानिदेशक प्रति दिन शिक्षकों को नुकसान करने वाले निर्देश जारी करते हैं, जिससे प्रदेश भर का शिक्षक महानिदेशक की कार्यप्रणाली से नाराज है। प्रदेश भर से आए हजारों शिक्षकों ने शिक्षा निदेशालय पर उपस्थित होकर स्पष्ट कर दिया कि प्रदेश भर के शिक्षक सरकार से नाराज नहीं हैं, बल्कि महानिदेशक से नाराज हैं।शिक्षक महासंघ के संयोजक सुरेश कुमार त्रिपाठी ने कहा कि माध्यमिक शिक्षकों की सेवा सुरक्षा संबंधी धारा 21 सेवा चयन आयोग से हटाकर शिक्षकों को प्रबंध तंत्र का गुलाम बनाने का प्रयास किया जा रहा है। प्रदेश का शिक्षक उसे किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगा।विधान परिषद में शिक्षक दल के नेता ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने कहा कि महानिदेशक स्कूल शिक्षा द्वारा किए जा रहे शिक्षक विरोधी कार्यो की जानकारी मुख्यमंत्री जी से भेंट करके दी जाएगी। उन्होंने कहा कि शिक्षकों का अपमान करने वाले अधिकारियों का विरोध किया जाएगा। हजारों शिक्षकों की उपस्थिति के बाद भी महानिदेशक स्कूल शिक्षा दोपहर 1 बजे तक कार्यालय नहीं आए, जिससे नारा शिक्षक नेताओं ने मंच से घोषणा की, कि यदि 2 बजे तक महानिदेशक वार्ता के लिए नहीं आते हैं तो शिक्षक समुदाय विधानसभा की ओर प्रस्थान करेगा। शिक्षक नेताओं की घोषणा के बाद तुरंत महानिदेशक उपस्थित हुए एवं महासंघ के प्रतिनिधियों को बुलाकर वार्ता की। वार्ता में उपार्जित अवकाश, अतः जनपदीय  स्थानांतरण, निशुल्क चिकित्सा सुविधा  आदि सभी बिंदुओं पर वार्ता हुई और सहमति बनी की सभी मांगों पर शासन द्वारा आदेश निर्गत किया जाएगा। इसलिए आगामी 16 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश शासन में वार्ता होगी।वार्ता के उपरांत शिक्षक महासंघ के अध्यक्ष डॉ दिनेश चंद्र शर्मा ने कहा कि धरना एक माह के लिए स्थगित किया जाता है यदि शिक्षकों की मांगों का निराकरण नहीं किया जाता है तो एक माह बाद फिर से धरना लगाया जाएगा। वार्ता में शिक्षक महासंघ के अध्यक्ष डॉक्टर दिनेश शर्मा, संयोजक एवं पूर्व एमएलसी सुरेश कुमार त्रिपाठी, एमएलसी एवं विधान परिषद में शिक्षक दल के नेता ध्रुव कुमार त्रिपाठी पूर्व एमएलसी हेमसिंह पुण्डीर, सुभाष शर्मा, जगबीर किशोर जैन उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के महामंत्री संजय सिंह, माध्यमिक शिक्षक संघ के महामंत्री नरेंद्र कुमार वर्मा, प्राथमिक शिक्षक संघ को कोषाध्यक्ष शिव शंकर पांडे, संगठन मंत्री सुधांशु मोहन, संजीव शर्मा, यशपाल सिंह आदि उपस्थित रहे।

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