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अष्टम राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस समारोह के मुख्य कार्यक्रम में आज राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय



 संवाददाता। 
लखनऊ

आयुर्वेद महाविद्यालय चिकित्सालय ,लखनऊ के सभागार में आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि  मंत्री एवं प्रमुख सचिव महोदया, निदेशक आयुर्वेद द्वारा माता सरस्वती के  प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया ।उसके पश्चात आयुर्वेद कालेज के विद्यार्थियों द्वारा बनाई गई रंगोली का निरीक्षण मंत्री द्वारा किया गया। कालेज में इस अवसर पर बनाए गए सेल्फी प्वाइंट पर मंत्री  द्वारा सेल्फी ली गई। इसके बाद विभागीय अधिकारियों एवं मंत्री द्वारा प्रथम तल पर स्थित मालवीय कक्ष में छात्रों द्वारा आयुष व्यंजन प्रतियोगिता का निरीक्षण एवं रसास्वादन किया गया। आयुष व्यंजन के प्रथम स्थान के विजेता डॉ काजल ,डॉ रुखसार खान द्वितीय स्थान डॉ मोनिका , डा आयुषी तृतीय स्थान डॉ राधिका ,डॉ भारती को मिला जिन्हें मंत्री ने प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया।कार्यक्रम के आरंभ में भगवान धन्वंतरि के चित्र पर अतिथियों द्वारा माल्यार्पण किया गया तथा दीप प्रज्वलन किया गया। निदेशक आयुर्वेद महोदय ने मंत्री जी का पुष्प गुच्छ  भेंटकर स्वागत किया । प्रोफेसर सुधा सिंह  ने प्रमुख सचिव महोदया को बुके भेंट कर स्वागत किया गया। प्रोफेसर माखनलाल ने मिशन निदेशक महेंद्र वर्मा का पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया। डॉक्टर धर्मेंद्र ने निदेशक आयुर्वेद को पुष्प भेंट कर स्वागत किया। प्रोआरबी यादव ने निदेशक यूनानी को गुलदस्ता भेंट कर स्वागत किया । डॉ शरद जौहरी ने प्राचार्य राजकीय आयुर्वैदिक कॉलेज लखनऊ को पुष्प भेंट कर स्वागत किया। डॉ हरिश्चंद्र कुशवाहा ने विशेष सचिव हरिकेश चौरसिया का बुके देकर स्वागत किया। कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर माखनलाल  ने कार्यक्रम की रूपरेखा बताते हुए कहा कि वर्ष 2016 के पूर्व प्रतिवर्ष धन्वंतरि जयंती मनाई जाती थी। 2016 से प्रधानमंत्री के प्रेरणा से राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के रूप में धन्वंतरि जयंती मनाई जाने लगी । इस बार की थीम हर दिन हर किसी के लिए आयुर्वेद है। धन्वंतरि जयंती के दिन स्वास्थ्य के देवता भगवान धन्वंतरि की आराधना कर अच्छे स्वास्थ्य की कामना की जाती है । ऋग्वेद के  सूक्त में कहा है किअग्नि  ,प्राण ,वायु ,सूर्य यही धन है राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के कार्यक्रमों की शुरुआत 1 नवंबर से प्रारंभ हुई संस्थान में पोस्टर प्रतियोगिता ,स्लोगन प्रतियोगिता ,वाद विवाद प्रतियोगिता ,क्विज प्रतियोगिता आयुष रेसिपी प्रतियोगिता ,रंगोली प्रतियोगिता, जन जागरूकता कैंप ,निशुल्क आयुर्वेद चिकित्सा शिविर तथा जन जागरूकता हेतु बाइक रैली आयोजित की गई।
आयुष विभाग की प्रमुख सचिव  लीना जौहरी  ने अपने उद्बोधन में कहा कि व्यक्ति का स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है इसलिए स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देना चाहिए । इस अवसर पर आयुष मंत्री द्वारा आयुष ई पत्रिका का डिजिटल विमोचन भी किया गया। माननीय आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु ने कहा कि वर्तमान समय में गलत जीवन शैली, खानपान एवं फास्ट फूड की वजह से मोटापा,मधुमेह ,उच्च रक्तचाप, थायराइड की बीमारी बढ़ती जा रही है ऐसे में आयुर्वेद कहता है कि हम व्यक्ति को बीमार ही नहीं होने देंगे । इसलिए ब्रह्म मुहूर्त में उठकर प्रतिदिन व्यायाम करना चाहिए इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। श्री अन्न बाजरा ,ज्वार, कोदों , रागी, सांवा,मड़वा इत्यादि का सेवन करने से रोगों से बचा जा सकता है। दुनिया की सारी चिकित्सा जहां हार जाती है वहां आयुर्वेद में आशा की किरण दिखाई देती है ।निदेशक आयुर्वेद डॉ पीसी सक्सेना ने कहा कि आज आयुष विभाग वर्तमान सरकार की कार्यशैली से निरंतर प्रगति पथ पर अग्रसर हो रहा है उन्होंने आयुष विद्या के अधिकारियों एवं कर्मचारियों से अपनी सेवाओं के प्रति समर्पित भाव से कार्य करने की अपील की। कार्यक्रम के अंत में प्राचार्य जी ने माननीय मंत्री को स्मृति चिन्ह एवं अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया । अन्य अतिथियों को भी स्मृति चिन्ह एवं अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया । धन्यवाद ज्ञापन निदेशक आयुर्वेद महोदय ने दिया । कार्यक्रम में अवधेश कुमार द्विवेदी ,उमेश चंद्र, ऋषि अवस्थी ,सच्चिदानंद मिश्र , भी उपस्थित रहे। अंततः कार्यक्रम का संचालन डॉ शचि श्रीवास्तव द्वारा किया गया। राष्ट्रगान के पश्चात कार्यक्रम की समाप्ति हुई।

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