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नगर विकास मंत्री ने सभी नगरीय निकायों में स्थायी-अस्थायी रैन बसेरा संचालित करने के दिये निर्देश




-नगरीय क्षेत्रों में कोई भी व्यक्ति खुले में न सोने पाये, इसकी निगरानी के लिए सभी निकायों में रिस्पांस टीमें गठित की जाय

-सभी रैन बसेरों में मूलभूत सुविधाओं के साथ पुख्ता इंतजाम किये जाएं

-साफ-सफाई, सुन्दरीकरण का रखा जाय विशेष ध्यान 

-ठण्ड व शीतलहर के दौरान सर्द रातों में कोई भी खुले आसमान में न सोने पाये

-रैन बसेरों तक लोगों को पहुंचने के लिए शाइनबोर्ड लगाये जाएं

-सार्वजनिक व धार्मिक स्थलों, बस व रेलवे स्टेशनों, अस्पतालों, श्रमिकों के कार्यस्थलों, बाजारों के आस-पास बनाये जाये रैन बसेरा

-मुख्य बाजारों के चौराहों, अस्पतालों, बस व रेलवे स्टेशनों, सार्वजनिक स्थलों के आस-पास अलाव जलाने की व्यवस्था की जाय

-सभी शेल्टर होम्स में स्वच्छ पानी, खाने की व्यवस्था, गीजर, गर्म कपड़े, प्राथमिक चिकित्सा व प्रकाश की व्यवस्था, अलाव, सीसीटीवी आदि की व्यवस्था उपलब्ध हो 

-रैन बसेरों के संचालन में व्यापारिक प्रतिष्ठानों, स्वयंसेवी संगठनों, प्रतिष्ठित व्यक्तियों का भी सहयोग लिया जाय
- ए.के. शर्मा

 -ए.के. शर्मा ने सभी नागरिकों से सड़क किनारे खुले आसमान में सोने वालों को रैन बसेरा पहुंचाने की अपील की
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संवाददाता। लखनऊ 
प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री श्री ए.के. शर्मा ने गरीबों, आश्रयहीनों व निराश्रितों को ठण्ड व शीतलहर से बचाने के लिए सभी नगरीय निकायों में स्थायी व आवश्यकतानुसार अस्थायी रैन बसेरा संचालित करने के निर्देश दिये हैं। सभी रैन बसेरों में मूलभूत सुविधाओं के साथ पुख्ता इंतजाम भी किये जाएं। साफ-सफाई, सुन्दरीकरण का विशेष ध्यान रखा जाय। लोगों को ठण्ड से बचाने के लिए गर्म कपड़े, स्वच्छ बेडशीट, कम्बल, गर्म पानी के लिए गीजर, खाने की व्यवस्था प्रकाश एवं प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था हो, सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे भी लगाये जाएं। नगरीय क्षेत्रों में कोई भी व्यक्ति खुले में न सोने पाये, इसकी निगरानी के लिए सभी निकायों में रिस्पांस टीमें भी गठित की जाएं।
नगर विकास मंत्री ने कहा कि सार्वजनिक व धार्मिक स्थलों, बस व रेलवे स्टेशनों, अस्पतालों, लेबर अड्डो व बाजारों के आस-पास अनिवार्य रूप से रैन बसेरा संचालित किये जाएं। साथ ही मुख्य बाजारों के चौराहों, अस्पतालों, बस व रेलवे स्टेशनों, सार्वजनिक स्थलों के आस-पास अलाव जलाने की व्यवस्था की जाय। उन्होंने रैन बसेरों तक लोगों को पहुंचने के लिए इसका व्यापक प्रचार-प्रसार करने तथा शाइनबोर्ड आदि लगाने के निर्देश दिये हैं। रैन बसेरों के बाहर केयरटेकर का नाम, पदनाम, मोबाइल नं0 भी लिखा हो। साथ ही एक नोडल अधिकारी भी नामित किया जाय, जिससे इनके संचालन में कोई व्यवधान न पड़े।

श्री ए.के. शर्मा ने रात्रि में सभी निकाय अधिकारियों द्वारा रैन बसेरों का औचक निरीक्षण करने भी निर्देश दिये। रैन बसेरों में निरीक्षण रजिस्टर भी बनाया जाय। बेडशीट, कम्बल की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देंगे। सभी रैन बसेरों में महिलाओं एवं पुरूषों के लिए अलग बेड और शौचालय की व्यवस्था हो। जिला प्रशासन के सहयोग से गरीब व्यक्तियों को कम्बल उपलब्ध कराने का भी प्रयास करें। रैन बसेरों के संचालन में व्यापारिक प्रतिष्ठानों, स्वयंसेवी संगठनों, प्रतिष्ठित व्यक्तियों, रेड क्रास व सिविल सोसाइटी का भी सहयोग लिया जाय। 

श्री ए.के. शर्मा ने सभी नागरिकों से सड़क किनारे खुले आसमान में सोने वालों को रैन बसेरा पहुंचाने की अपील की। उन्होंने बताया कि पूरे प्रदेश में 3,733 बेड क्षमता के 130 स्थायी रैन बसेरा संचालित हैं, जिसमें 1000 लोग रह रहे हैं। इसी प्रकार 4,724 बेड क्षमता के 428 अस्थायी रैन बसेरा संचालित हैं, जिसका वर्तमान में 800 लोग लाभ ले रहे हैं। लखनऊ शहर के विभिन्न स्थानों पर 833 बेड क्षमता के 27 अस्थायी रैन बसेरा संचालित हैं, जिसका 300 लोग लाभ ले रहे हैं। इसी प्रकार 999 बेड क्षमता के 25 स्थायी शेल्टर होम संचालित हैं, जिसमें वर्तमान में 600 लोग रह रहे हैं।

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