अलविदा अवध महोत्सव फिर मिलेंगे

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 संवाददाता 
अलविदा अवध महोत्सव फिर मिलेंगे
लखनऊ ।
प्रगति पर्यावरण संरक्षण ट्रस्ट द्वारा संचालित लक्ष्मणपुर कार्निवल अवध महोत्सव जो 7 दिसंबर से आरंभ होकर 22 दिसंबर तक चला। महोत्सव ने अपनी ढेर सारी यादें समेट कर अलविदा कहा।
प्रगति पर्यावरण संरक्षण ट्रस्ट के अध्यक्ष विनोद कुमार सिंह द्वारा संकल्पित लक्ष्य ‘पर्यावरण प्रदूषण नारी सशक्तिकरण, शिक्षा, चिकित्सा, नशा उन्मूलन जैसे समाज में फैली हुई तमाम बुराइयों को समाप्त करने के लिए सरकार और सरकारी विभागों के साथ पूरी जिम्मेदारी के साथ अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर हो रहे हैं। 
7 दिसंबर को आरंभ हुए अवध महोत्सव में प्रतिदिन सुंदरकांड मधुर संगीत के साथ होता रहा एवं विभिन्न प्रांतो एवं प्रदेशों के लोकगीत नृत्य वहां के स्थानीय कलाकारों द्वारा बहुत ही सुंदर तरीके से प्रस्तुत किया जाता रहा। महोत्सव में युवा एवं श्रेष्ठ कवियों द्वारा कविता पाठ किया गया प्रतिदिन साहित्य एवं उनसे जुड़ी विधाओं पर परिचर्चा हुई। कहते हैं साहित्य संगीत और कलाओं का आपस में बहुत ही गहरा रिश्ता होता है और यही सब जब एक मंच पर एकत्रित हो जाए तो उस मंच की शोभा और बढ़ जाती है। अवध विहार योजना अवध शिल्पग्राम खुला क्षेत्र के मैदान में यह सब कुछ साकार हुआ। इस महोत्सव में देश के कई राज्यों के उत्पाद और उनसे जुड़ी वस्तुओं का स्टॉल दिखाई दिया। आए हुए दर्शकों ने इंस्टॉल पर खरीदारी में बहुत रुचि दिखाई। अवध महोत्सव में अमेरिकन भुट्टा का स्वाद लोगों ने खूब लिया, इमरान शाहजहांपुर वाले के बेहतरीन झूले जैसे टोरा–टोरा रेंजर, डबल डिस्क नाव झूला, ब्रेक डांस ने बच्चों और युवाओं को बहुत लुभाया। महोत्सव के खास चटोरे, लाल की चटपटी भेलपुरी ने दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित करने का कार्य किया। तंदूरी चाय, विभिन्न प्रकार की पकौड़ियां और और भी बहुत सारे आइटम लोगों ने बहुत पसंद किया। इस संबंध में अनुराधा साहू का कहना है कि यह हमारा पुश्तैनी कार्य है और हम चाहते हैं कि लोगों को अच्छा से अच्छा स्वाद और सेहतमंद व्यंजन परोसा जाए। महोत्सव में वाहिद की बिरियानी की महक चारों तरफ फैली,एडोर कैटरर्स की तीन तरह के छोले भटूरे के साथ और कबाब पराठा का लोगों ने खूब लुफ्त उठाया। बिना राजस्थानी व्यंजन सब कुछ फीका है। आपनो राजस्थान के दाल बाटी चूरमा, मूंग का हलवा, मारवाड़ी स्पेशल कुल्फी और भी बहुत सारे व्यंजनों ने खूब दर्शक बटोरे। इनके साथ ही जम्मू कश्मीर के उत्पाद और कई राज्यों के आए हुए रजाई, कंबल,चादर और विशेष रूप से भदोही की कालीनों ने महोत्सव में लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा। इंक्रेडिबल आर्ट के उत्पाद आकर्षण के केंद्र बिंदु रहे। महोत्सव में बहुत ही विशेष स्थान ग्रहण किया खलील उल रहमान के फर्नीचर ने। रहमान हैंडीक्राफ्ट के क्षेत्र में राष्ट्रपति द्वारा नेशनल अवार्ड भी पा चुके हैं। उनके फर्नीचरों ने खूब वाह–वाही लूटी। लोगों ने फर्नीचर को खूब पसंद किया और खरीदा। महोत्सव में बनारसी बाबू के फायर पान ने सबको ठंड में गर्मी का एहसास दिला दिया। 
संस्था के उपाध्यक्ष एन बी सिंह ने बताया कि चुनौती पूर्ण इस महोत्सव को जितना प्यार जनता ने दिया, उसके लिए हम सबके आभारी है। हमारे दुकानदारों ने बहुत मेहनत करके महोत्सव को सफल बनाने में अपना योगदान दिया।
महोत्सव में पुलिस प्रशासन,फायर डिपार्मेंट और अन्य सरकारी विभागों का भरपूर सहयोग प्राप्त हुआ। महोत्सव में सुरक्षा, सफाई और चिकित्सा की समुचित व्यवस्था की गई थी। संस्था से जुड़े लोगों द्वारा– विशेष रूप से दिलीप श्रीवास्तव, प्रिया सिंह, शिवम सिंह और सभी स्टाफ– दिन–रात कड़ी मेहनत की गई। महोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रिया पाल के नेतृत्व में बहुत ही सुंदर एवं आकर्षक तरीके से संपन्न कराया गया। मंच का संचालन अरविंद सक्सेना एवं हेमा खत्री ने बहुत ही सुंदर अंदाज में किया।
आपके प्यार और स्नेह को ध्यान में रखते हुए, हम फिर मिलेंगे।

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