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नौकरी देने वाला बनने की भी सोच विकसित करें युवा : राज्य मंत्री दानिश अंसारी

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संवाददाता। लखनऊ 
नौकरी देने वाला बनने की भी सोच विकसित करें युवा : राज्य मंत्री दानिश अंसारीनौकरी देने वाला बनने की भी सोच विकसित करें युवा : राज्य मंत्री दानिश अंसारी
 उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण एवं हज राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने ज्यादा से ज्यादा युवाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित करते हुए कहा है कि वे नौकरी लेने के साथ-साथ नौकरी देने वाला भी बनने की सोच पैदा करें।
दानिश अंसारी ने 'द एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ़ इंडिया' (एसोचैम) द्वारा अंतर्राष्ट्रीय एमएसएमई दिवस पर आयोजित 'उत्तर प्रदेश एमएसएमई सम्मेलन' के दूसरे दिन आयोजित एक सत्र को संबोधित करते हुए ज्यादा से ज्यादा संख्या में युवाओं के एमएसएमई तथा स्टार्टअप क्षेत्र से जुड़ने की जरूरत पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश भारत का बहुत बड़ा राज्य है। यहां पर नौजवानों की संख्या बहुत अधिक है। यह जरूरी है कि नौजवान सरकारी विभागों या निजी कंपनियों मे नौकरी करें लेकिन इसके साथ-साथ नौकरी देने वाला भी बनें। उन्हें यह सोच भी विकसित करनी चाहिए।
अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री ने कहा कि सरकार ने एमएसएमई और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए कई क्रांतिकारी नीतियां लागू की है। वर्तमान में हर जिले में स्टार्टअप्स और एमएसएमई इकाई शुरू करने के लिए अनुकूल माहौल है।
 अंसारी ने राज्य सरकार की 'एक जिला, एक उत्पाद' (ओडीओपी) योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि ओडीओपी योजना ने उत्तर प्रदेश की आत्मा को आत्मसात किया है और स्थानीय हुनर को आगे बढ़कर हर जिले को विशेष बनाया है।
उन्होंने ओडीओपी के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में उद्योगों को ज्यादा से ज्यादा प्रोत्साहित किए जाने का उल्लेख करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश की 60 से 70 प्रतिशत आबादी गांवों में रहती है। सरकार ने इन उद्योगों को ओडीओपी से जोड़ा। लाखों उद्योग अब ओडीओपी से जुड़े हैं और उससे लाभ लेकर अपना कारोबार आगे बढ़ा रहे हैं। वास्तविकता यह है कि एमएसएमई को आगे बढ़ाये बगैर आर्थिक विकास संभव नहीं है।
एसोचैम उत्तर प्रदेश डेवलपमेंट काउंसिल के सह अध्यक्ष श्री हसन याकूब ने कहा कि एमएसएमई कि वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा न के बराबर है। हमने देखा है कि टेक्नोलॉजी ऐसी चीज है जिसमें हर महीने कोई ना कोई बदलाव होता है। एमएसएमई क्षेत्र इस सच्चाई को ग्रहण करने में असफल हो रहा है।
उन्होंने एक उदाहरण देते हुए कहा कि आज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का दौर है मगर हमारी आईटीआई के बच्चे 2018 का पाठ्यक्रम पढ़ रहे हैं जबकि इस वक्त 2024 चल रहा है। इस खामी की वजह से समस्याएं पैदा हो रही हैं।
अपर पुलिस महानिदेशक (प्रशिक्षण) बी. डी. पाॅलसन ने तेजी से बदलती प्रौद्योगिकी के इस दौर में एमएसएमई की डेटा सुरक्षा को सुदृढ़ बनाने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि डेटा का इस्तेमाल बढ़ने के साथ ही खतरे भी बढ़े हैं इसलिए सुरक्षा का घेरा भी बहुत मजबूत करना होगा।
कार्यक्रम को उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त श्री नवीन कुमार, उत्तर प्रदेश डेवलपमेंट काउंसिल के अध्यक्ष श्री अनुपम मित्तल, मिड मार्केट एसएपी इंडिया के क्षेत्रीय प्रबंधक श्री विशाल मलिक और हिक्स थर्मोमीटर इंडिया लिमिटेड के निदेशक श्री यथार्थ गुप्ता ने भी सम्बोधित किया।

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