संवाददाता : लखनऊ
श्री भागवत कथा के तीसरे दिन स्वामी प्रदुम्नप्रियाचार्य ने कहा भगवान की तीव्र भक्ति योग के साथ करनी चाहिए
सगुण साकार ब्रहम कि उपासना करते हुए आत्मस्वरूप कि पहचान करना और आत्मस्वरूप में ही भगवत स्वरूप का दर्शन करना ही मानव जीवन का परम लक्ष्य हैं। श्रीवामीजी ने भगवान के विराट स्वरूप और सूक्ष्म स्वरूप कि विस्तार से चर्चा किया और भगवत ध्यान लगाने के लिए कौन कौन से उपाय करने चाहिए इस पर भी बताया
कल कि कथा में भगवान श्रीराम के जन्म की साथ साथ अन्य भगवत् भक्तों कि कथा के साथ साथ साथ भगवान श्रीकृष्ण के जन्म उत्सव भी मनाया जाएगा।
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