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श्रीश्री श्री राधारमण बिहारी (इस्कॉन) मंदिर लखनऊ में मन्दिर अध्यक्ष श्रीमान अपरिमेय श्याम प्रभुजी जी के कुशल निर्देशन मे गोवर्धन पूजा एवं अन्नकूट महोत्सव का भव्य आयोजन हुआ

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संवाददाता लखनऊ 

कार्यक्रम का शुभारंभ इस्कॉन मंदिर के अध्यक्ष श्रीमान अपरिमेय श्याम प्रभुजी जी के द्वारा गोवर्धन शिला के अभिषेक एवं पूजन अर्चना करके किया गया। जिसके बाद आये हुए सभी भक्तों ने गोवर्धन एवं भगवान को 56 प्रकार का भोग लगाया एवं क्रमानुसार अन्य सभी कार्यक्रम सम्पन्न हुए,गोवर्धन कथा के साथ ही भजन कीर्तन तथा नृत्य आदि हुआ,कार्यक्रम का समापन भोजन प्रसाद (अन्नकूट भण्डारा) के साथ हुआ,मंदिर आए हुए भक्तों एवं विशिष्ठ अतिथियों ने गोवर्धन पूजा व अन्नकूट महोत्सव बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया।

गोवर्धन कथा में श्रीमान भक्ति करुणामयी वनमाली स्वामी जी महाराज ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण ने 7 कोस के गोवर्धन को 7 वर्ष की उम्र में 7 दिन के लिए अपनी उंगली पर उठाया था और भगवान ने यह संदेश दिया कि इंद्र एवं सभी देवताओं की उपासना न करके भगवान श्रीकृष्ण की उपासना करनी चाहिए, क्योंकि भगवान हमको हमारे पूर्व में किये गए दुष्कर्मों एवं पाप कर्मों से मुक्ति दिला सकते हैं और कोई देवी देवता हमेँ इससे मुक्ति नहीं दिला सकते और यशोदा मइया एवं नन्द बाबा ने बताया कि अगर पूजा करनी है तो गाय, ब्राम्हणों एवं गिरिराज गोवर्धन की पूजा करो।

अंत में मन्दिर अध्यक्ष श्रीमान अपरिमेय श्याम प्रभुजी जी सभी लोगों से अधिक से अधिक हरे कृष्ण महामंत्र एवं गीता के पाठ का स्वाध्याय करने के लिए कहा, जिससे जनमानस का कल्याण होगा। साथ ही साथ उपस्थित पत्रकारों (प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया) को उनके सतत सहयोग के लिए धन्यवाद एवं आभार प्रकट किया। श्री राधारमण बिहारी (इस्कॉन) मंदिर लखनऊ में मन्दिर अध्यक्ष श्रीमान अपरिमेय श्याम प्रभुजी जी के कुशल निर्देशन मे गोवर्धन पूजा एवं अन्नकूट महोत्सव का भव्य आयोजन हुआ 
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संवाददाता लखनऊ 

कार्यक्रम का शुभारंभ इस्कॉन मंदिर के अध्यक्ष श्रीमान अपरिमेय श्याम प्रभुजी जी के द्वारा गोवर्धन शिला के अभिषेक एवं पूजन अर्चना करके किया गया। जिसके बाद आये हुए सभी भक्तों ने गोवर्धन एवं भगवान को 56 प्रकार का भोग लगाया एवं क्रमानुसार अन्य सभी कार्यक्रम सम्पन्न हुए,गोवर्धन कथा के साथ ही भजन कीर्तन तथा नृत्य आदि हुआ,कार्यक्रम का समापन भोजन प्रसाद (अन्नकूट भण्डारा) के साथ हुआ,मंदिर आए हुए भक्तों एवं विशिष्ठ अतिथियों ने गोवर्धन पूजा व अन्नकूट महोत्सव बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया।

गोवर्धन कथा में श्रीमान भक्ति करुणामयी वनमाली स्वामी जी महाराज ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण ने 7 कोस के गोवर्धन को 7 वर्ष की उम्र में 7 दिन के लिए अपनी उंगली पर उठाया था और भगवान ने यह संदेश दिया कि इंद्र एवं सभी देवताओं की उपासना न करके भगवान श्रीकृष्ण की उपासना करनी चाहिए, क्योंकि भगवान हमको हमारे पूर्व में किये गए दुष्कर्मों एवं पाप कर्मों से मुक्ति दिला सकते हैं और कोई देवी देवता हमेँ इससे मुक्ति नहीं दिला सकते और यशोदा मइया एवं नन्द बाबा ने बताया कि अगर पूजा करनी है तो गाय, ब्राम्हणों एवं गिरिराज गोवर्धन की पूजा करो।

अंत में मन्दिर अध्यक्ष श्रीमान अपरिमेय श्याम प्रभुजी जी सभी लोगों से अधिक से अधिक हरे कृष्ण महामंत्र एवं गीता के पाठ का स्वाध्याय करने के लिए कहा, जिससे जनमानस का कल्याण होगा। साथ ही साथ उपस्थित पत्रकारों (प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया) को उनके सतत सहयोग के लिए धन्यवाद एवं आभार प्रकट किया।

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