विश्व सी०ओ०पी०डी० दिवस-2023 श्वांस ही जीवन है : जल्द प्रयास करें

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संवाददाता/लखनऊ 

बढ़ते वायु प्रदूषण के साथ हम लोग सी०ओ०पी०डी० की महामारी के तरफ अग्रसर हैं। अभी प्रयास करें। ऐसा न हो कि बहुत देर हो जायें। " प्रो० (डा०) वेद प्रकाश

• वैश्विक प्रसारः दुनिया भर में लगभग 38 करोड़ 40 लाख लोग सी०ओ०पी०डी० से प्रभावित है।
• वैश्विक बोझ सी०ओ०पी०डी० वैश्विक स्तर पर रुग्णता और मृत्यु दर का एक प्रमुख कारण है और मृत्यु दर का चौथा प्रमुख करण है जो गैर-संचारी रोगों के बोझ में महत्वपूर्ण योगदान देता है। • अनुमानित रैंकिंग : एक अनुमान के हिसाब से 2030 तक सी०ओ०पी०डी० दुनिया भर में मौत का
तीसरा प्रमुख कारण है।
• मृत्यु दर सी०ओ०पी०डी० सालाना बडी संख्या में मौतों के लिए जिम्मेदार है। • आयु वितरण : जबकि सी०ओ०पी०डी० सभी उम्र के व्यक्तियों को प्रभावित कर सकता है, यह
वृद्धावस्था में अधिक देखा जाता है। उम्र के साथ इसका प्रसार बढ़ता जाता है। • एक अनुमान है कि भारत में 5 करोड़ 50 लाख से अधिक लोग सी०ओ०पी०डी० से पीड़ित है।
• भारत में सी०ओ०पी०डी० के लिए धूम्रपान एक प्रमुख कारक है। बताया गया है कि देश में सी०ओ०पी०डी० के मामले लगभग 40 प्रतिश तमामले तंबाकू धूम्रपान के सेवन के कारण होते है। जबकि दुनिया भर में एक तिहाई से अधिक मामले बिना धूम्रपान के भी होते है।
• घरों में खाना पकाने के लिए बायोमास ईंधन जैसे कोयला, चूल्हे का उपयोग विशेष रूप से ग्रामीण
क्षेत्रों में सी०ओ०पी०डी० के लिए एक महत्वपूर्ण कारक है। इसके अतिरिक्त सी०ओ०पी०डी० के मामले का एक बड़ा हिस्सा अज्ञात रहता है जिससे वास्तविक प्रसार को कम करके आंका जाता है।
• अकेले संयुक्त राज्य अमेरिका में सी०ओ०पी०डी० के लिए प्रत्यक्ष चिकित्सा लागत सालाना 32 अरब डालर से अधिक होने का अनुमान लगाया जाता है।
• सी०ओ०पी०डी० आमतैर पर अन्य पुरानी दीर्घकालिक बीमारियां जैसे हृदय रोग, मधुमेह और मानसिक स्वास्थ्य विकारों के साथ होने पर रोगी की स्वास्थ्य स्थिति और जटिल और गम्भीर हो जाती है।

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