Skip to main content

प्रदेश के लगभग 8 करोड़ लाभार्थियों को खिलाई जायेगी फाइलेरिया रोधी दवाएं

संवाददाता लखनऊ 

बृजेश पाठक, उप मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार 

प्रदेश  के 27 जनपदों  में राष्ट्रीय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत 10 अगस्त से शुरू किया जा रहा है मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन  (एमडीए/आईडीए) कार्यक्रम
 आज एनेक्सी भवन, लखनऊ में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया की उपस्थिति में मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम में प्रदेश के उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने सम्मिलित होकर फाइलेरिया से बचाव हेतु स्वयं फाइलेरिया की दवा खाकर लोगों को जागरूक किया। इस वर्चुअल शुभारम्भ में संसदीय कार्य, चिकित्सा शिक्षा, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा मातृ एवं शिशु कल्याण मयंकेश्वर शरण सिंह, प्रमुख सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, उत्तर प्रदेश शासन, मिशन निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, निदेशक (चिकित्सा उपचार/संचारी रोग) चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएँ, उत्तर प्रदेश, अपर निदेशक वेक्टर बोर्न डिजीज़ चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, उत्तर प्रदेश, राज्य कार्यक्रम अधिकारी, फाइलेरिया उपस्थित थे।इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि आज से प्रदेश के फाइलेरिया प्रभावित 27 जनपदों यथा- औरैया, बहराइच, बलरामपुर, बस्ती, देवरिया, इटावा, फरुखाबाद, गाजीपुर, गोंडा, गोरखपुर, कन्नौज, कुशीनगर, महाराजगंज, रायबरेली, संतकबीर नगर, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर और सुल्तानपुर में, दो दवाओं डी.ई.सी. और एल्बेन्डाजोल के साथ और चंदौली, फतेहपुर, हरदोई, कानपुर देहात, कानपुर नगर,  कौशाम्बी, खीरी, मिर्जापुर, सीतापुर और हरदोई में तीन दवाओं डी.ई.सी. , एल्बेन्डाजोल और आईवरमेक्टिन के साथ मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम (आईडीए) शुरू किया जा रहा है। साथ ही उन्होंने बताया कि इस अभियान में प्रदेश की 8 करोड़ 23 लाख लोगों को 65 हज़ार टीमों के माध्यम से फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन बूथ एवं घर-घर जाकर कराया जायेगा। उन्होंने कहा कि हमें फाइलेरिया के उन्मूलन पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है,क्योंकि यह व्यापक रूप से जनता के स्वास्थ्य और विकास से जुड़ा हुआ हैं। फाइलेरिया से जुड़ी विकलांगता के कारण पीड़ित लोगों को अक्सर सामाजिक उपेक्षा सहनी पड़ती है जिससे उनकी आजीविका व काम करने की क्षमता भी प्रभावित होती है और वे आर्थिक रूप से पिछड़ जाते है। उप मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि प्रदेश सरकार फाइलेरिया उन्मूलन के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए प्रदेश में सभी तैयारियां की जा चुकी हैं। उन्होंने शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के सभी लाभार्थियों से अनुरोध किया कि स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा दी जाने वाली नि:शुल्क फाइलेरिया रोधी दवाएं उनके सामने ही खाएं। इसके लिए उन्होंने कहा कि हम सभी जन प्रतिनिधियों, ग्राम प्रधानों, अध्यापकों एवं अन्य विभागों को समुदाय में इस अभियान के प्रति जन-जागृति लानी होगी ताकि प्रत्येक लाभार्थी स्वयं एवं अपने परिजनों को इन दवाओं का सेवन अवश्य कराएं जिससे वह उस बीमारी से सुरक्षित रहे एवं भारत सरकार द्वारा निर्धारित वर्ष 2027 तक फाइलेरिया उन्मूलन के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके। कार्यक्रम में उपस्थित राज्य मंत्री, संसदीय कार्य, चिकित्सा शिक्षा, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा मातृ एवं शिशु कल्याण, मयंकेश्वर शरण सिंह ने कहा कि अभी भी काफी लोग फाइलेरिया रोधी दवा के महत्व को नहीं समझते हुए दवा खाने से इनकार करते हैं। हम सबको समन्वय बनाकर कार्य करना होगा ताकि ऐसे सभी लोगों को फाइलेरिया दवाएं खाने के लिए प्रेरित किया जा सके। प्रमुख सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, उत्तर प्रदेश शासन, पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि कार्यक्रम के सफल किर्यन्वयन के लिए अंतर-विभागीय समन्वय बनाकर कार्य किया जा रहा है और कार्यक्रम के दौरान आवश्यक मानव संसाधन एवं फाइलेरिया रोधी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जा चुकी है। मिशन निदेशक,राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन डॉ पिंकी जोवेल ने बताया कि इस अभियान में सभी वर्गों के लाभार्थियों को फाइलेरिया रोधी दवाईयों की निर्धारित खुराक प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा बूथ एवं घर-घर जाकर अपने सामने मुफ्त खिलाई जाएगी एवं किसी भी स्थिति में दवा का वितरण नहीं किया जायेगा। ये दवाएं खाली पेट नहीं खानी हैं।प्रदेश की महानिदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएँ, डॉ. दीपा त्यागी ने कहा कि कार्यक्रम के दौरान 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और अति गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को ये दवाएं नहीं खिलाई जाएगी। यदि कार्यक्रम के दौरान किसी लाभार्थी को दवा सेवन के पश्चात किसी प्रकार की कोई कठिनाई प्रतीत होती है तो उससे  निपटने के लिए हर ब्लॉक में रैपिड रेस्पोंस टीम बनाई गई हैं।निदेशक (चिकित्सा उपचार/ संचारी रोग), चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएँ, डॉ. कैलाश नाथ तिवारी ने कहा कि संक्रमित मच्छर के काटने से किसी भी आयु वर्ग में होने वाला यह संक्रमण लिम्फैटिक सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है और अगर इससे बचाव न किया जाए तो इससे शारीरिक अंगों में असामान्य सूजन होती है। फाइलेरिया के कारण चिरकालिक रोग जैसे; हाइड्रोसील (अंडकोष की थैली में सूजन), लिम्फेडेमा (अंगों की सूजन) व काइलुरिया (दूधिया सफेद पेशाब) से ग्रसित लोगों को अक्सर सामाजिक बोझ सहना पड़ता है, जिससे उनकी आजीविका व काम करने की क्षमता भी प्रभावित होती है। उन्होंने बताया यदि समुदाय के सभी लोग 5 साल तक लगातार साल में केवल 1 बार फाइलेरिया रोधी दवाओ का सेवन करे तो प्रदेश से फाइलेरिया का उन्मूलन संभव है।

Comments

Popular posts from this blog

मातृ शिशु कल्याण महिला कर्मचारी संघ का प्रांतीय द्विवार्षिक अधिवेशन एवं चुनाव सहकारिता भवन में सकुशल संपन्न हुआ

 संवाददाता लखनऊ l मातृ शिशु कल्याण महिला कर्मचारी संघ, उ०प्र० (सम्बद्ध उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी महासंघ) का  प्रांतीय द्विवार्षिक अधिवेशन एवं चुनाव आज  सहकारिता भवन सभागार , लखनऊ में सकुशल संपन्न हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि  केंद्रीय राज्य मंत्री ( कौशल किशोर) आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय भारत सरकार रहे। विशिष्ठ अतिथि के रूप में उ०प्र० राज्य कर्मचारी महासंघ एवं उ०प्र० फेडरेशन ऑफ़ मिनिस्ट्रियल सर्विसेज एसोसिएशन के प्रांतीय संरक्षक  एस०पी० सिंह,  कमलेश मिश्रा,  नरेन्द्र प्रताप सिंह, उ०प्र० फेडरेशन ऑफ़ मिनिस्ट्रियल सर्विसेज एसोसिएशन के प्रांतीय संरक्षक  राम विरज रावत, पूर्णिमा सिन्हा उर्फ़ पूनम सिन्हा (फाउंडर ऑफ़ परिषद् ऑफ़ सहकारिता बैंक), प्रांतीय संरक्षक, मातृ शिशु कल्याण महिला कर्मचारी संघ, उ०प्र० की  प्रभा सिंह उपस्थित रहे। इस अवसर पर उ०प्र० फेडरेशन ऑफ़ मिनिस्ट्रियल सर्विसेज एसोसिएशन के  दिवाकर सिंह, प्रांतीय अध्यक्ष एवं कनौजिया विनोद बुद्धिराम, कार्यकारी प्रांतीय अध्यक्ष,  चुनाव अधिकारियों की देख-रेख में चुनाव सकुशल संपन्न कराया गया । इस चुनाव में “स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग” क

पेंशनरों ने मुख्यमंत्री से पेंशन बढ़ाने और बकाया एरियर्स के भुगतान कराने की माँग की

 लखनऊ/संवाददाता   10 जुलाई। ईपीएस-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति के महामंत्री राज शेखर नागर के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के  जनता  दर्शन  में   ईपीएस-95  पेंशनरों की   न्यूनतम पेंशन बढ़वाने ,फ्री मेडिकल सुविधा दिलवाने की माँग की। इसके अतिरिक्त उत्तर प्रदेश  के अधिकांश निगमों में छठा  वेतनमान का  एरियर का भुगतान नही हुआ है जबकि  पेंशनरों को बहुत कम पेंशन मिलने से आर्थिक बदहाली झेल  रहे हैं।  इसलिए  मुख्यमंत्री से सभी निगमों के  पेंशनरों  को छठे वेतनमान के बकाया एरियर्स का  भुगतान करने के आदेश निर्गत करने की भी माँग की गई। आवश्यक वस्तु निगम में पेंशनरों की  महासमिति की  बैठक मे  निर्णय लिया गया कि  यदि  बकाया एरियर्स का भुगतान शीघ्र नहीं किया गया तो निगम के सेवानिवृत्त कर्मी   अनशन पर बैठेंगे।       महासमिति की बैठक में हबीब खान, राजीव  भटनागर, पी के  श्रीवास्तव, फ्रेडरिक क्रूज,एन सी सक्सेना,राजीव पांडे, सतीश श्रीवास्तव  पीताम्बर भट्ट उपस्थिति रहे।  राजीव भटनागर  मुख्य समन्वयक  उत्तर प्रदेश।

7 सितंबर को गोरखपुर में पेंशनरों के सम्मेलन को राष्ट्रीय अध्यक्ष संबोधित करेंगे।

 संवाददाता :लखनऊ  लखनऊ।5 सितंबर ईपीएस-95 95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति न्यूनतम पेंशन बढ़ाने की मांग को लेकर सभी राज्यों में आंदोलन, प्रदर्शन और सम्मेलन कर रही है इसी क्रम में उत्तर प्रदेश में पेंशनरों का सम्मेलन 7 सितंबर को गोरखपुर में आयोजित किया गया है, जिसमें समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमांडर अशोक राउत महाराष्ट्र से पधारेंगे और सम्मेलन को संबोधित करेंगे । इस सम्मेलन में उत्तर प्रदेश सहित तेलंगाना, महाराष्ट्र ,छत्तीसगढ़, उत्तराखंड आदि अनेक राज्यों से राष्ट्रीय नेता शामिल होंगे ।  राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री के एस तिवारी और प्रांतीय महामंत्री श्री राजशेखर नागर ने एक वक्तव्य में बताया कि भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और गोरखपुर से राज्यसभा के सांसद डॉ राधामोहन दास अग्रवाल सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित होंगे उन्होंने ही 3 अगस्त को राज्यसभा में न्यूनतम पेंशन बढ़ाने का मुद्दा उठाया था। अतः उनके सामने समिति के राष्ट्रीय व प्रांतीय पदाधिकारी पेंशनरों की समस्याओं को उजागर करेंगे । सम्मेलन में प्रदेश के सभी जिलों  के पेंशनर बड़ी संख्या में भाग लेंगे ।